Uncategorized

वाह गजब है ! दुर्ग नगर निगम भी जिला प्रशासन ने जिस जमीन का पट्टा दिया,निगम ने उसे अवैध बता दिया…

By-HITESH SHARMA…50 साल से जिस जमीन पर हितग्राही रह रहा था अपनी जीवन भर की पूंजी लगाकर जिसने मकान बनाया जिस जगह का जिला प्रशासन ने पट्टा जारी किया उसी जगह को नगर निगम के अधिकारियों ने अवैध बता दिया वाकई गजब है अजब है पहले तो जमकर हंसिए…फिर उस व्यवस्था पर रोइए की जहाँ का राजा ही चौपट हो,उस नगरी में अंधेर ही अंधेर होगा..दुर्ग नगर निगम सूबे के सबसे हाई प्रोफाइल जिले दुर्ग को अतिक्रमण मुक्त बनाने की नगर निगम की मुहिम जोरो से चल रही है इसके लिए बकायदा आधा दर्जन अधिकारियों का दल भी बनाया गया है अधिकारी भी तय चिन्हित स्थानों पर समय सीमा से अतिक्रमण नही उठाने पर अपनी पीली रंग की नगर निगम वाली जेसीबी लेकर पहुँच जाते है अतिक्रमण कारी को बकायदा पहले नोटिस और मोहलत दी जाती है लेकिन इस बार नोटिस और मोहलत देना निगम के अधिकारियों को महंगा पड़ गया दरअसल दुर्ग के सिद्धार्थ नगर के रहने वाले बृजेश गुजरिया ने अतिक्रमण का नोटिस देखने के बाद आत्महत्या कर ली ये नोटिस 24 सितंबर को बृजेश गुजरिया को कब्जा हटाने निगम प्रशासन द्वारा नोटिस जारी की गई थी महज 3 दिन पहले जारी हुई नोटिस में कहा गया ही कि अवैध अतिक्रमण हटा लिया जाए वरना नगर निगम का अतिक्रमण तोड़ने वाला विभाग मौके पर पहुचकर तोड़ फोड़ करेगा इस पूरे मामले पर खास बात ये है कि जिस स्थान पर बृजेश का मकान है उस स्थान पर जिला प्रशासन द्वारा बकायदा पट्टा जारी किया गया है तो वही 2017 में उसी स्थान का पट्टा नवीनीकरण भी किया गया है अब बड़ा सवाल ये है कि जब भूमि को नगर निगम को खाली ही कराना था तो फिर पट्टे का नवीनीकरण क्यों किया गया ? आपको बता दे कि नगर पालिक निगम दुर्ग के भवन अधिकारी ने सिद्धार्थनगर के बृजेश गुजरिया, दिलीप गुजरिया सहित सात लोगों को 3 दिन में अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी किया जिसमें उक्त जगह को दुर्ग विपणन विभाग का बताया गया है मजे की बात ये है कि 50- 60 वर्षों के बाद नगर निगम दुर्ग को उस जमीन की याद आई है जबकि उस जगह पर नगर निगम का पुराना मैला का गड्डा था और कचरा डंप किया जाता था उस जगह को पाटकर लोगों ने लाखों रुपए खर्च करके अपना मकान बनाया उस समय नगर निगम को यह अतिक्रमण दिखाई नहीं दिया इनमें से चार पांच लोग नगर निगम के ही कर्मचारी है जिसमें बृजेश गुजरिया भी शामिल है वही दिलीप गुजरिया को हार्ट अटैक आने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है इससे क्षेत्र के लोगों में नगर निगम के प्रति भारी आक्रोश है आपको बता दे कि इस जगह पर नगर निगम का कोई भी जनहित का प्लान या योजना नहीं हैँ हालांकि नोटिस मिलने के बाद से ही बृजेश काफी परेशान था तो वही कल सुबह निगम द्वारा प्रताड़ित किए जाने पर उसने आत्महत्या कर ली थी इस मामले पर अब बीजेपी ने भी जमकर प्रदर्शन किया और कलक्टर के नाम ज्ञापन सौपकर निगम के आला अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की वही मृतक के परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति सहित 5 लाख ₹ मुआवजा देंने की मांग की गई है फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है तो परिवार वालो की माने तो नगर निगम प्रशासन ने ब्रिजेश को जमकर प्रताड़ित किया है उसकी आत्महत्या का कारण भी नगर निगम की प्रताड़ना ही है…

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Ful Bright Scholarships

error: Content is protected !!