सीएम भूपेश की विशेष रुचि और कलक्टर भूरे का प्रयास,फिर क्या बदल गई तस्वीर…


By- HITESH SHARMA…पर्यावरण संरक्षण की अनूठी मिसाल दुर्ग में देखने को मिली जहाँ मानव निर्मित एशिया के सबसे बड़े अभ्यारण का सीएम भूपेश बघेल ने पौधा लगाकर लोकार्पण किया भिलाई इस्पात संयंत्र के अधीनस्थ नंदिनी की खाली पड़ी खदानों की जमीन में लगभग 3.30 करोड़ रुपए की लागत से यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है सीएम भूपेश बघेल के गृह जिले दुर्ग में पर्यावरण के पुनः संरक्षण और इकोलॉजिकल रीस्टोरेशन के लिए खनन आधारित नन्दनी माइंस को नेचुरल हैबिटेट के रूप में बदला जा रहा है इस प्रोजेक्ट को लेकर सीएम भूपेश की विशेष रुचि थी जिसे लेकर उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया था जिसके बाद प्रोजेक्ट को क्रियान्वयन करने और मास्टर प्लान बनाने में कलक्टर सर्वेश्वर भूरे ने भी भरपूर प्रयास किया जिसका नतीजा ये रहा कि अब दुर्ग वासियों को एक ऐतिहासिक भर्मण स्थल मिलने जा रहा है आपको बता दे कि भिलाई इस्पात सयंत्र द्वारा नन्दनी माइंस से लाइम स्टोन का खनन लगभग समाप्त हो चुका है जिसके बाद माइनिंग से खाली पड़े भूमि का बायोडायवर्सिटी पार्क के रूप में विकसित करने की योजना सीएम भूपेश की पहल से बनाई गई योजना को बेहतर बनाने का काम दुर्ग कलक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को सौपा गया इसके लिए लगभग नंदनी क्षेत्र के 2500 एकड़ भूमि का चयन किया गया वही खाली पड़े 855 एकड़ भूमि पर वृक्षा रोपण की योजना बनी यह पार्क देश ही नही एशिया में पर्यावरण की मानव निर्मित सबसे बड़ी धरोहर है इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह से तैयार करने में 3 साल का समय लगेगा लगभग 17 करोड़ रुपए के इस कार्ययोजना में फिलहाल 3 करोड़ 37 लाख रुपए की लागत से प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है जो देश और दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत करेगा 17 किलोमीटर क्षेत्र में फैले नंदिनी के जंगल में पहले ही सागौन और आंवले के बहुत सारे वृक्ष मौजूद हैं यहां एक बड़ा वेटलैंड है जहां पर पहले ही विसलिंग डक्स,ओपन बिल स्टार्क भी पाए जा रहे है मानव निर्मित जंगल में घूमने के लिए भी विशेष व्यवस्था होगी इसके लिए भी आवश्यक कार्य योजना बनाई गई है ताकि यह छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु देश के सबसे बेहतरीन घूमने की जगह में शामिल हो सके.
