खबर सबसे अलग….लता दीदी और दुर्ग के पत्रकार का कनेक्शन…


By- D SHYAM KUMAR….हिंदी सिनेमा जगत के लिए रविवार की सुबह एक बेहद दुखी करने ववाली खबर लेकर आई संगीत का एक युग जैसे समाप्त हो गया हो स्वर कोकिला महान गायिका लता मंगेशकर का निधन हो गया अपनी मधुर आवाज से लोगों का मन मोहने वाली लता मंगेशकर को प्रतिष्ठित भारत रत्न और दादा साहब फाल्के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था खराब स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही लता मंगेशकर का 92 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हुआ लता मंगेशकर की जीवनी का एक पहलू छत्तीसगढ़ से भी जुड़ा है.देश की सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के जीवनी पर 2012 में दिल्ली की पत्रकार नसरीन मुन्नी कबीर ने लता मंगेशकर से मिलकर उनके जीवन को करीब से जान कर एक किताब लिखी थी इस किताब में करीब ढाई सौ प्रश्नों को शामिल किया गया जिसका जवाब स्वयं लता मंगेशकर ने दिया था क्योंकि किताब अंग्रेजी में थी उसे हिंदी में भी प्रकाशित करना था जिसके लिए छत्तीसगढ़ के पत्रकार डी श्याम कुमार से संपर्क किया गया 2012 से 2019 के बीच उनके जीवन से जुड़े कुछ और को दोबारा इस किताब के पुनर लेखन में शामिल किया गया जब हिंदी में अनुवाद की बारी आई तो उसके लिए बकायदा एक पैनल बनाया गया इस किताब के अनुवाद में करीब 3 महीने का वक्त लगा अंग्रेजी में कई वाक्यों के अर्थ हिंदी अनुवाद में बदल जाते हैं उन्होंने कहा कि किताब पूरी होने के बाद इसके प्रकाशक नियोगी बुक्स में लता दीदी से समय भी लिया था लेकिन 2020 में कोविड प्रोटोकॉल के चलते उनके समय नहीं मिल पाया वैसे तो लता मंगेशकर के जीवन में कई प्रकार की किताबें प्रकाशित हो चुकी है लेकिन एक वृहद साक्षात्कार की श्रंखला इसी किताब में देखने को मिलती है किताब में अपने जीवन पर परिवार पर पार्श्व गायन पर और फिल्मी जगत में उनके सफर और तमाम पहलुओं पर बेबाकी से अपनी बात रखी थी जिसके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है लता के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर आधारित यह पहली किताब है जिसका हिंदी अनुवाद तो है साथ ही लता दीदी की स्वीकृति भी प्राप्त है.
