संस्कृत और संस्कार वो भी निः शुल्क …..

By -TNP MEDIA NETWORK…संसार का आधार भषाओ की जननी कहलाने वाली संस्कृत भाषा पर विशेष आयोजन हुआ जिसमे जयंत पांडेय गुरुकुल फाउंडेशन का शुभारंभ 30 अक्टूबर को दुर्ग के होटल रोमन पार्क में किया गया। संस्कृत,योग, ध्यान, और अनुसंधान पर आधारित गुरुकुल फाउंडेशन का शुभारंभ प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के हाथों सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि और संरक्षक के रूप में आईपी मिश्रा, फाउंडेशन के अध्यक्ष जयंत पांडेय मुंबई के समाजसेवी उदयप्रताप सिंग भी विशेष रूप से मंच पर उपस्थित रहे। सिमटता परिवार जीवन शैली के साथ ही प्रोफेशनल पढ़ाई ने भारतीय संस्कृति को लगभग भुला दिया हैं। इस बेतरतीब और पटरी से उतरी जीवनशैली को वापस लाने में योग और ध्यान का जितना योगदान हैं। उतना किसी का भी नही हैं। इसके साथ ही अब संस्कृत भाषा और इसकी व्यापकता को समझने के लिए अनुसंधान को जोड़ दिया जाए। तो सोने पे सुहागा होगा। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए ही जयंत पांडेय गुरुकुल फाउंडेशन द्वारा विशेष पहल की गयी है। इसके तहत निशुल्क जानकारी एवं प्रशिक्षण लोगो को दी जायेगी। गुरूकुल से जुड़ने वाला व्यक्ति देशप्रदेश कही का भी हो सकता है। फाउंडेशन के उद्घाटन समारोह पर उपस्थित हुए गृह मंत्री ताम्रध्वज साहु ने इस अवसर पर उपस्थितजनों को संबोधित करते हुऐ कहा कि
आज के युग की यह महती आवश्यकता है जिसकी पूर्ति होगी जयंत पांडेय गुरुकुल फाउंडेशन के द्वारा ।
भौतिक वादी परंपरा को ज़्यादा महत्व देते हैं । ऐसे में सीखने वालों को निःशुल्क उपलब्ध कराना सराहनीय कार्य है । वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए केवल नॉकरी देने वाली शिक्षा प्रणाली ही कहा ।
अगर सभी तरह की समस्याओं से बचना है तो पौराणिक पद्धति पर आना ही पड़ेगा । संस्कृति संस्कारों को अपनाना ही पड़ेगा प्रोफेशनल पढ़ाई ने भारतीय संस्कृति को लगभग भुला दिया हैं। इस बेतरतीब और पटरी से उतरी जीवनशैली को वापस लाने में योग और ध्यान का जितना योगदान हैं। उतना किसी का भी नही हैं। इसके साथ ही अब संस्कृत भाषा और इसकी व्यापकता को समझने के लिए अनुसंधान को जोड़ दिया जाए। तो सोने पे सुहागा होगा। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए ही जयंत पांडेय गुरुकुल फाउंडेशन द्वारा विशेष पहल की गयी है। इसके तहत निशुल्क जानकारी एवं प्रशिक्षण लोगो को दी जायेगी। गुरूकुल से जुड़ने वाला व्यक्ति देशप्रदेश कही का भी हो सकता है। फाउंडेशन के उद्घाटन समारोह पर उपस्थित हुए गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने इस अवसर पर उपस्थितजनों को संबोधित करते हुऐ कहा कि इसके पूर्व फाउंडेशन के सरंक्षक आईपी मिश्रा और अध्यक्ष जयंत पांडेय ने फाउंडेशन के उद्देश्य के सबंध में जानकारी देते हुए कहा कि मुंबई से आये समाजसेवी उदयप्रताप सिंह ने भी अपनी बात कही। का निर्माण होगा ।
इसके पूर्व फाउंडेशन के सरंक्षक आईपी मिश्रा
ने कहा कि देश की संस्कृत को बचाने के लिए जयंत पांडेय के द्वारा बहुत ही अच्छा प्रयास किया जा रहा है। और शासन प्रशासन के भी इस भरपूर योगदान प्राप्त हो पायेगा अध्यक्ष जयंत पांडेय ने फाउंडेशन के उद्देश्य के सबंध में जानकारी देते हुए कहा कि अपने जीवन चक्रों को ठीक करना चाहते है। तो संस्कृत को सीखना चाहिए। बीज मंत्रो को याद करना चाहिए। योग जीवन जीने का तरीका है। यह बेहद आवश्यक है। ध्यान को योग की आत्मा कहा गया है। मन यदि आनंदित है। तो जीवन आनंदित होगा। अच्छे कार्य के लिए अच्छे लोगो की आवश्यकता होती हैं। शिक्षाविद एम एम त्रिपाठी ने कहा कि योग का मतलब है। कि हम अपने मन को आप को भीतर ले जाए। तभी मन से ही योग ध्यान का आभास हो पायेगा। दुर्ग कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कहा कि ध्यान योग और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए फाउंडेशन के द्वारा जो प्रयास किया जा रहा है। वह बहुत ही सराहनीय हैं।

