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पार्किंग घोटाला…मेरा नाम किया जा रहा बदनाम- दुर्गेश गुप्ता

By – HITESH SHARMA….दुर्ग नगर निगम के पार्किंग घोटाले का मामला तत्कालीन बाजार प्रभारी दुर्गेश गुप्ता ने बैंक खातों के विवरण सहित कुल 20,67,568 रुपए समेत उसका पूरा ब्योरा निगम कमिश्नर सहित प्रशासन को सौंप दिया है उक्त सौंपी गई रिपोर्ट में उन्होंने किस किस समय में कितना पार्किंग फंड का पैसा जमा किया गया है। उसकी डिटेल सहित रिपोर्ट निगम कमिश्नर को देर शाम सौंप दी है। वहीं इस मामले में जब तत्कालीन बाजार प्रभारी दुर्गेश गुप्ता से उनका पक्ष जानना चाहा गया। तो उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं इस पूरे मामले में उन्होंने अपना पक्ष प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है तथा वे किसी भी तरीके से घोटाले में शामिल नहीं है। बल्कि जिस तरीके से उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है वहीं राजस्व प्रभारी बाबू जैन इस मामले में अभी भी अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं तथा अनर्गल बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। वे कभी निगम कमिश्नर के खिलाफ कुछ कहते हैं। कभी बाजार प्रभारी के खिलाफ कुछ कहते हैं ।वही जब उनसे बाजार प्रभारी का चार्ज वापस लिया गया था। उनके बाद थान सिंह यादव को बाजार प्रभारी बनाया गया था जिसका नाम भी चर्चा में चल रहा है वह इस समय लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। जिससे उनका पक्ष नहीं जाना जा सका इस मामले को भी लोग कहीं ना कहीं घोटाले के स्वरूप तथाकथित कुछ लोगों द्वारा उसे संरक्षण देने की बात भी दबी जबान में कह रहे हैं वही मामले में दुर्ग कमिश्नर ने पहले ही क्लियर कर दिया है कि जिन्होंने उनके ऊपर आरोप लगाए हैं वही लोग उस चीज का सबूत दे तो ज्यादा अच्छा रहेगा गौरतलब है कि बीते साल करोना काल की अवधि तथा उसके पहले और उसके कुछ बाद का समय पार्किंग घोटाले को लेकर काफी चर्चा में बना हुआ है। इसके जिसमें लाखों रुपए के पार्किंग घोटाले की बात मीडिया की सुर्खियां बन रही है जिसमें गुप्ता ने 2067568 रुपए का पार्किंग टेंडर का पैसा जिसमें नया बस स्टैंड व इंदिरा मार्केट पार्किंग का हिसाब की राशि जमा होने की बात दुर्गेश गुप्ता द्वारा पूरा डिटेल सहित रिपोर्ट दी गई है। वहीं दूसरे अधिकारी थान सिंह के मामले में राजस्व प्रभारी बाबू जैन द्वारा उनको कहीं ना कहीं संरक्षण दिया जा रहा है। जिसने अभी तक अपनी नोटिस का जवाब नहीं दिया है तथा लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। जिसको कहीं ना कहीं प्रभारी का संरक्षण मिल रहा है तभी वह उक्त कार्यों में लिप्त होकर छुट्टी पर जाने की हिमाकत कर चुका है। वहीं इस पूरे मामले के लिए नगर निगम एमआईसी सदस्य राजस्व प्रभारी ऋषभ जैन उर्फ बाबू अभी भी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। तथा इस बात के लिए किसी ना किसी पर आरोप मढ़ते नजर आ रहे हैं। और तो और जिस तरीके से जैन के द्वारा थान सिंह का बीच बचाओ किया जा रहा है और उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज कर बचाने की मंशा से लंबी छुट्टी पर भेजा गया है तथा जानबूझकर कहीं ना कहीं तत्कालीन बाजार प्रभारी दुर्गेश गुप्ता व निगम कमिश्नर को बदनाम करने की कोशिश उनके द्वारा की जा रही है ऐसा उनकी बातों से स्पष्ट नजर आ रहा है।

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