बयान बाजी छोड़ काम करे मेयर देवेंद्र….. भोजराज सिन्हा
भिलाई की जनता ने महापौर देवेंद्र यादव पर बहुत भरोसे जताते हुए उन्हें विधानसभा भेजा था कि भिलाई की आवाज विधानसभा में प्रखर होकर गूंजेगी लेकिन अफसोस ऐसा न हो सका और लोगों का भरोसा और उम्मीदें टूटती गई अब भिलाई की जनता खुद को ठगा से महसूस कर रही है कोरोना काल में जनता को समझ में आ गया कि शहर को एक परिपक्व नेतृत्व की आवश्यकता है,अपरिपक्वता व बड़बोलेपन ने शहर को तबाह कर दिया ये कहना है वार्ड 12 के पार्षद और जोन 1 नेहरू नगर के अद्यक्ष भोजराज सिन्हा का…दरअसल पूरा देश इस समय कोविड से परेशान है लेकिन पता नही राज्य सरकार के वो 13 कोरोना वारियर चुप क्यों है जब आम जनता को असली जरूरत थी तब ये कोरोना वारियर गायब है दुर्ग जिले में हालात बत से बत्तर है अब तक 10 हजार से ऊपर लोग संक्रमित हो चुके है 325 से ज्यादा मौते हो चुकी है लेकिन मेयर विधायक को कोई परवाह नही वे केवल बयान बाजी कर रहे है इस वैश्वीक महामारी में भी महापौर ने शहर की जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया कोरोना महामारी से बड़ी संख्या में लोग अपने प्राण गवा रहे है रोजाना सैकड़ो लोग संक्रमित हो रहे है लेकिन शहर सरकार मस्ती में मस्त है. महज 2 साल पहले ही भिलाई में डेंगू ने दस्तक दी थी पूरा जिला डेंगू की चपेट में था लेकिन उस समय परिपक्व नेतृत्व था पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने डेंगू से लड़ने पर्याप्त रणनीति बनाई थी और उसका असर भी देखने को मिला था डेंगू के समय लगता था कि सरकार है और काम कर रही है पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने डेंगू महामारी के समय सारे अस्पतालों को फ्री करवाया था निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज हो रहे थे ये उनकी हैसियत थी जो प्रदेश वासियों ने देखी महामारी एक्ट के असली मतलब प्रेम प्रकाश पांडे ने समझाया था जिसमे निः शुल्क इलाज हुआ था इसलिए हजारों जाने बच गई थी अब तो सिर्फ दिखावा चल रहा है मरीजों की सेवा के नाम पर खाली चिट्ठी पत्री लिखी जा रही है, अस्पताल जाकर फोटो सेशन हो रहा है। इसके अलावा जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हो पा रहा है। शहर जिस दर्द व तकलीफ से गुजर रहा है, वह दर्द जनता के सीने में बारुद बन चुका है। जो वक्त का इंतजार कर रहा है। वक्त आने पर जनता वर्तमान नेतृत्व को सबक सिखाएगी भोजराज सिन्हा ने कहा कि नेता शौकिया नहीं बना जाता, इसके लिए नेतृत्व का गुण होना चाहिए नेतृत्व कर्ता को निश्चल व मर्यादित होना चाहिए। सरकार क्या बनी नेता अपनी मर्यादा तक भूलते जा रहे हैं भिलाई की तासीर ऐसी कभी नहीं रही कि कोई बड़ा बुद्धिजीवी और परिपक्व व्यक्ति कुछ बोले तो उसको आचरण में लेने के बजाए कुछ भी बयानबाजी कराया जाए.

