हिम्मत तो देखिए नर्सिंग की परीक्षा का पेपर ही लीक कर दिए…
By- HITESH SHARMA… भिलाई के नेहरू नगर में संचालित सीएम नर्सिंग कॉलेज में हुए पेपर लीक मामले में दुर्ग पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है 16 अगस्त से 2 मई तक होने वाली बीएससी नर्सिंग जीएनएम और पोस्ट बेसिक की परीक्षा के पेपर लीक करने के मामले में आयुष विश्वविद्यालय के जांच के बाद प्राचार्य ने सुपेला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी पुलिस ने छानबीन की तो पता चला की पेपर लीक करने वालों में कॉलेज का पूर्व-छात्र व प्यून भी शामिल है। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है दरअसल चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल नर्सिंग कॉलेज में जीएनएम बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग,पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग कोर्स की पढ़ाई होती है नर्सिंग का सत्र 2020-21 की परीक्षा 16 अगस्त से 2 सितंबर तक होनी थी कॉलेज में बीएससी नर्सिग की प्रथम एवं द्वितीय वर्ष का परीक्षा 16 अगस्त और 17 अगस्त को हो गई थी। जिसके बाद परीक्षा के पेपर लीक होने की खबर फैली। जिसके बाद आयुष विश्विद्यालय रायपुर द्वारा इसकी जांच के लिए एक कमेटी बनायी गयी। सभी कॉलेजों से बचे हुए पेपर की जांच करने कमेटी के मेंबर भिलाई पहुंचे और बचे हुए पेपर के प्रश्नपत्र अपने साथ ले गये कमेटी के द्वारा जांच उपरांत सीएम नर्सिंग इंस्टीट्यूट नेहरू नगर भिलाई के प्रश्नपत्र के पैकेट में खामियां पायी और 26 अगस्त को यूनिवर्सिटी द्वारा नियुक्त किए ऑब्जर्वर और प्राचार्यों को आयुष एण्ड हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी रायपुर द्वारा जांच कमेटी के समक्ष बुलाया गया। कॉलेज प्रश्नपत्र में हमें खामियों की जानकारी दी गई। जिसमें यह पाया गया कि कॉलेज में रखा बीएससी नर्सिंग प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के पेपर लीक हुए हैं नर्सिंग कालेज की प्राचार्य आशुलता मिश्रा के द्वारा थाना सुपेला में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जो छत्तीसगढ़ सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों का निवारण अधिनियम 2008 धारा 10 के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। पुलिस अधीक्षक दुर्ग प्रशांत अग्रवाल के निर्देशन में त्वरित कार्यवाही करते हुये सुपेला पुलिस ने संदेह के आधार पर कॉलेज के प्यून से पूछताछ की गई। कड़ी पूछताछ पर उसने बताया कि बीएससी नसिंग प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के कुल 05 पेपर उसके द्वारा कॉलेज के ही क्लर्क मनोज साहू की मदद से प्रश्नपत्र के पैकेटों को खोलकर मोबाइल से वाट्सएप के जरिये लीक किया था। जिसके बदले उसे 25000 रुपए मिले थे। जो आपस में बंटवारे करने की बात प्यून अर्जुन साहू द्धारा बताया गया। इस फर्जीवाड़े में शामिल अर्जुन साहू के पड़ोसी लालमणी साहू को भी गिरप्तार किया गया है, जो अपने खाते में लीक करने पर मिले पैसे मंगाकर मदद किया था। इस मामले का महत्वपूर्ण आरोपी तोकेश्वर कुमार साहू है जो इस कॉलेज का पूर्व स्टूडेंट रह चुका है। जिसने पेपर लीक करवाने के लिये पैसे दिए थे जो वर्तमान मे वर्धा में मेडिकल कोर्स कर रहा है…
