भिलाई में भी चलेगा कका का दुर्ग फॉर्मूला…

By-HITESH SHARMA…प्रदेश में निकाय चुनाव पूरे हो चुके हैं इसी बीच सूबे की सबसे हॉट स्पॉट माने जाने वाली भिलाई नगर निगम में 70 वार्डों में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत के साथ 37 सीटों पर दबदबा बनाया है.तो वही मुख्य विपक्षी के रूप में बीजेपी ने 24 सीटों के साथ अपनी उपस्थिति निगम में दर्ज कराई है .9 निर्दलीय इस बार भी चुनकर आए हैं जिनमें से चार निर्दलीयों ने नतीजे आते ही कांग्रेस का गमछा ओढ़ लिया इस प्रकार कांग्रेस की संख्या अब सदन में पूर्ण बहुमत के साथ 41 पहुंच गई है.कांग्रेस का गमछा ओढ़ने वाले 4 निर्दलीयों में से रामानंद मौर्य वरिष्ठ पार्षद हैं वे बीजेपी के पूर्व जिला मंत्री भी रहे है बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते भी कांग्रेस प्रवेश करने पर उन्हें शहर सरकार में मंत्री बना कर एमआईसी सदस्य के रूप में इसका इनाम दिया जाएगा.पूर्ण बहुमत के साथ कोंग्रेस आसानी से महापौर सभापति बना रही है लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि……पार्षदों के बीच से चुने जाने वाला वह कौन होनहार होगा जो महापौर की गद्दी पर आसीन होगा और देवेंद्र के रथ को हांकेगा….कुछ दिग्गज कांग्रेसी पार्षद ऐसे भी है जो लगातार चौथी बार सदन में पहुंचे तो कुछ पहली बार सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेते नजर आएंगे लेकिन कांग्रेस पार्टी आखिर दांव किस पर चलेगी यह अभी भी भविष्य के गर्त में छुपा है. लेकिन इतना स्पष्ट है कि किसी वरिष्ठ पार्षद को सभापति बनाकर किसी युवा को महापौर का पद दिया जा सकता है आपको बता दें यह फार्मूला दुर्ग में भी कांग्रेस पार्टी द्वारा लागू किया गया था जिसमें पहली बार चुनाव लड़ने और जीतने वाले युवा धीरज बाकलीवाल को महापौर का पद सौंपा गया तो वहीं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता रहे राजेश यादव को सभापति का पद देकर तालमेल बैठाने की कोशिश की गई दुर्ग चुनाव में भी दिग्गजों और वरिष्ठ पार्षदो को किनारे लगा कर फ्रेशर धीरज बाकलीवाल को मेयर का पद सौंपा गया था भिलाई में भी यह स्थिति हो सकती है क्योंकि आपको याद दिला दें कि छात्र राजनीति से अचानक राजनीति की मुख्यधारा में जोड़कर देवेंद्र यादव को कांग्रेस पार्टी ने 2015 में महापौर का टिकट दिया था और देवेंद्र की टिकट का कई वरिष्ठ कोंग्रेसी उस समय टिकट का विरोध भी कर रहे थे और देवेंद्र के चुनाव में खिलाफ काम भी किया लेकिन त्रिकोणीय मुकाबले में देवेंद्र विजयी घोषित हुए लेकिन इस बार तो अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर का चुनाव होना है तो यक़ीनन कहा जा सकता है दुर्ग फॉर्मूला ही भिलाई में भी लागू होगा क्योंकि हुजूर होगा वही जो …….कका…..चाहेंगे…