छत्तीसगढ़

इससे अच्छा तो मर जाना बेहतर है….साहब कहाँ से लाऊँ लाखो रुपया….

By- HITESH SHARMA…..9826108646……नमस्कार पंडित जी की बात………. में आपका स्वागत है………. मैं हूँ हितेश शर्मा…………..प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजो और खस्ताहाल सरकारी कोविड सेंटर की बुरी स्तिथि को देखते हुए राज्य सरकार ने अब प्राइवेट अस्पतालो को भी इलाज के लिए स्वीकृति दे दी है. इसी कड़ी में दुर्ग जिले में भी आधा दर्जन अस्पतालों को कोरोना का इलाज करने की स्वीकृति दी गई है लेकिन इन स्वीकृति के बाद मानो प्रायः सुप्त अवस्था मे पड़ा अस्प्ताल का कारोबार मानो अचानक चल पड़ा हो जिले में ऐसे ऐसे निजी अस्पतालों को कोविड सेंटर बनाया गया गया है जिनका स्वास्थ के क्षेत्र में कोई खासा असर नहीं है हाल में बने मित्तल अस्प्ताल को भी कोविड सेंटर बनाया गया है आपको जानकर हैरानी होगी कि अब तक मित्तल अस्प्ताल पूरी तरह बना भी नही है बिल्डिंग भी अंडर कंस्ट्रक्शन है लेकिन फिर भी इस अस्प्ताल को कोरोना के इलाज की स्वीकृति देना समझ से परे है.खैर ये तो हुई असपतालो की बात अब बात करें कोरोना की जिले में अब तक संक्रमितों का आँकड़ा 4000 से ऊपर पहुँच चुका है जिले में सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन द्वारा कोविड केयर सेंटर भी चलाए जा रहे है जहाँ जाने के बाद तो मानो स्वस्थ व्यक्ति भी अस्वस्थ हो जाए ऑक्सीजन के अभाव में मौत और मृत होने के बाद शव तक बदली हो जाते है इन अव्यवस्थाओं के बीच मानो प्राइवेट अस्पताल वालो की मानो लॉटरी लग गई लेकिन इन सबके बीच प्राइवेट अस्पताल वालो ने भी मनमानी शुरू कर दी एक दिन का इलाज का खर्च 12 से 15 हजार ₹ तक लिया जा रहा है दवाई और अन्य टेस्ट का चार्ज अलग से……कोरोना और लॉक डाउन के इस महामारी काल मे सरकार से उम्मीद थी कि इस तानाशाही पर कुछ नकेल कसेगी लेकिन उम्मीद लगाना बेकार था लगता है इस सरकार की किताब में आम आदमी के लिए जैसे कुछ है ही नही, राज्य सरकार ने एक ऐसा आदेश पारित किया है जो आम आदमी की जान लेने के लिए काफी है कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए शनिवार की शाम राज्य सरकार ने कोविड-19 की दर तय करते हुए आदेश जारी कर दिया। निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुपर स्पेशियालिटी सुविधाओं के आधार पर इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है जो आपके होश उड़ाने के लिए काफी है प्रदेश के जिलो को कुछ श्रेणियों में बांटा गया है. ए-श्रेणी में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले के अस्पतालों को रखा गया है। बी-श्रेणी में सरगुजा, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, कबीरधाम एवं बस्तर जिले के अस्पतालों को रखा गया है। शेष जिलों के अस्पताल सी-श्रेणी में शामिल हैं। यह होगा रेट…..
ए-श्रेणी वाले जिलों के नेशनल एक्रेडिएशन बोर्ड ऑफ हॉस्पीटल्स (एन.ए.बी.एच.) की मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में मॉडरेट स्थिति वाले मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रुपए का शुल्क देना होगा सपोर्टिव केयर आइसोलेशन बेड के साथ पीपीई किट ऑक्सीजन केयर की सुविधा देनी होगी। गंभीर स्थिति वाले मरीजों के उपचार के लिए रोजाना 12 हजार रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें वेंटिलेटर केयर के बिना आईसीयू और पीपीई किट शामिल है। अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 17 हजार रुपए प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है। इसमें वेंटिलेटर केयर के साथ आईसीयू (इनवेसिव/नॉन-इनवेसिव) एवं पीपीई किट शामिल है।गैर एन.ए.बी.एच. मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों के लिए मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रुपए, दस हजार रुपए और 14 हजार रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। बी-श्रेणी में शामिल जिलों के अस्पताल तीनों स्थिति (मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर) के मरीजों के इलाज के लिए ए-श्रेणी के लिए निर्धारित दर का 80 प्रतिशत और सी-श्रेणी वाले जिलों के अस्पताल 60 प्रतिशत शुल्क ले सकेंगे। राज्य सरकार ने एपेडेमिक डिसीज एक्ट-1897, छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट-1949 और छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डिसीज कोविड-19 रेगुलेशन-2020 के तहत निर्देश जारी किए हैं.अब जरा इन आदेश की क्रोनोलॉजी समझिए अब आप जैसे ही कोरोना पॉजिटिव आते हैं और आप पूरी तरह बीमार नही है फिर भी अस्प्ताल आपको मोडरेट स्थिति में नही रखकर आपको गम्भीर श्रेणी में ही रखेंगे जिससे आपसे 12000 प्रतिदिन का चार्ज लिया जा सके बहरहाल वर्तमान स्तिथि के लिए यही कहा जा सकता है अंदर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा…….. THE TNP MEDIA NETWORK……आपसे अपील करता है कि बिना वजह घरों से न निकले मास्क लगाकर ही रहे समय समय पर साबुन से हाथ धोते रहे और अपना बहुत ज्यादा ख्याल रखें………

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Ful Bright Scholarships

error: Content is protected !!