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ये क्या ? सीएम के जिले में कबाड़ का म्यूजियम…..करोड़ो की चपत

By- HITESH SHARMA…..शहरी क्षेत्र मे रहने वाले लोगों को सुविधाएं पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा आरंभ की गई सिटी बस योजना पूरी तरह से फेल होती नजर आ रही है। कोरोना काल के समय से बंद हुई सिटी बसे अब पूरी तरह से कबाड में तब्दील हो चुकी है। कई बार प्रशासन की ठेकेदारो के साथ हुई बैठक फेल हो चुकी है। ऐसे मे बसों के पहिए आज तक हिल नहीं पाए है। वही शासन के करोडो रूपए आज बर्बादी की कगार मे पहुंच गए है दुर्ग ज़िले में खडी ये सिटी बसे अपनी कहानी स्वयं बयां कर रही है। एक समय यही बसें लोगों के आने जाने का प्रमुख साधन हुआ करती थीं। लेकिन आज इन बसो के पहिए कई महिनो से थमे हुए है। आलम यह है कि आज बसे कबाड में तब्दील हो गई है। बसों की बैटरियां चोरी हो गई है। बसों के टायर गायब हो चुके है। और इनके डिपो मे ताला लग चुका है। कोरोना काल के बाद से लाॅकडाउन जरूर खुल गया है लेकिन सिटी बसों को चलाने की स्थिति नहीं बन पाई है। कई बार प्रशासन की ठेकेदारों के साथ बैठक आयोजित हुई लेकिन बात नहीं बन पाई हैं दुर्ग ज़िले में विभिन्न मार्गो में इन सिटी बसों का संचालन हो रहा था इनका परिचालन दुर्ग भिलाई शहरी सार्वजनिक यातायात सोसायटी द्वारा किया जा रहा था। इनकी संख्या करीब 70 थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के मददेनजर सभी बसो का परिचालन बंद कर दिया गया और इन्हे डिपो मे लाकर खडा कर दिया गया। इनके बंद होने से एक ओर इनको चलाने वाले बेरोजगार हो गए तो दूसरी ओर आम लोगों पर इसका सीधा असर पड़ा है बहरहाल अब देखना होगा कि कबाड़ हो चुकी करोड़ो की सिटी बसे आखिर कब तक सड़को पर दौड़ती नजर आएगी….

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