अरे ! ये क्या विधायक अरुण वोरा तो महापौर बन गए…….

By- HITESH SHARMA…..सूबे के सबसे वीआईपी जिले के नगर निगम में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है पार्किंग घोटाला,फ्लैक्स घोटाला, विवाद के बाद अब नया विवाद सामने आ गया है झंडा घोटाला ……………..दुर्ग वो जिला जहा से आधा दर्जन मंत्री आते है सीएम सहित गृहमंत्री का निवास भी इसी जिले में है लेकिन लगता है दो दशक के बाद मिली सत्ता को कोंग्रेसी पचा नहीं पा रहे है उल जुलुल बयान बाजी और अध कचरे काम से निगम के साथ जनप्रतिनिधियों की छवि भी खराब हो रही है अब नया विवाद विधायक अरुण वोरा के कारण खड़ा हो गया है.महापौर जिसे शहर का प्रथम नागरिक कहा जाता है दो दशकों बाद जब कोंग्रेस को निगम सरकार की सत्ता मिली तो युवा पार्षद धीरज बाकलीवाल ने बागडोर संभाली तब कुछ कोंग्रेस के ही वरिष्ठ नेताओं ने दबे जुबान ये कहा कि धीरज बाकलीवाल केवल रबर स्टाम्प है असली मेयर तो विधायक अरुण वोरा ही है लेकिन उस वक्त बात आई गई हो गई लेकिन इस बात को चरितार्थ होने में साल भर ही लगा महज 380 दिनों बाद ही ये साबित भी हो गया की मेयर अरुण वोरा ही है…………26 जनवरी को नगर पालिक निगम के प्रांगण में ध्वजारोहण किया जाना था नियमो के आधार पर मेयर ही ध्वजारोहण करते है लेकिन निगम इतिहास में पहली बार विधायक अरुण वोरा ने ध्वजारोहण किया जो कि नियमो का उलंघन है हालांकि ध्वजारोहण करने का अधिकार इस देश के प्रत्येक नागरिक को है विधायक कही भी ध्वजारोहण कर सकते है लेकिन संवेधानिक स्थलों पर कुछ नियम होते है तो वही कुछ स्थानों के लिए प्रोटोकॉल निर्धारित है उन प्रोटोकॉल का ख्याल किया जाना भी जरूरी था……..खैर सैयां भए कोतवाल तो डर काहे का…..
