अतिक्रमण और आत्महत्या निगम जिम्मेदार…

By- HITESH SHARMA…सूबे के सबसे हाई प्रोफाइल जिले दुर्ग को अतिक्रमण मुक्त बनाने की नगर निगम की मुहिम जोरो से चल रही है इसके लिए बकायदा आधा दर्जन अधिकारियों का दल भी बनाया गया है अधिकारी भी तय चिन्हित स्थानों पर समय सीमा से अतिक्रमण नही उठाने पर अपनी पीली रंग की नगर निगम वाली जेसीबी लेकर पहुँच जाते है अतिक्रमण कारी को बकायदा पहले नोटिस और मोहलत दी जाती है लेकिन इस बार नोटिस और मोहलत देना निगम के अधिकारियों को महंगा पड़ गया सिद्धार्थ नगर के रहने वाले बृजेश गुजरिया ने नोटिस को देखने के बाद आत्महत्या कर ली दरअसल 24 सितंबर को बृजेश गुजरिया को कब्जा हटाने निगम प्रशासन द्वारा नोटिस जारी की गई थी 2 दिन पहले जारी हुई नोटिस में कहा गया ही कि अवैध अतिक्रमण हटा लिया जाए वरना नगर निगम का तोड़ू दस्ता मौके पर पहुचकर तोड़ फोड़ करेगा नगर पालिक निगम दुर्ग के भवन अधिकारी ने सिद्धार्थनगर के बृजेश गुजरिया, दिलीप गुजरिया सहित सात लोगों को 3 दिन में अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी किया जिसमें उक्त जगह को दुर्ग विपणन विभाग का बताया गया है मजे की बात ये है कि 50- 60 वर्षों के बाद नगर निगम दुर्ग को उस जमीन की याद आई है जबकि उस जगह पर नगर निगम का पुराना मैला का गड्डा था और कचरा डंप किया जाता था उस जगह को पाटकर लोगों ने लाखों रुपए खर्च करके अपना मकान बनाया उस समय नगर निगम को यह अतिक्रमण दिखाई नहीं दिया इनमें से चार पांच लोग नगर निगम के ही कर्मचारी है जिसमें बृजेश गुजरिया भी शामिल है वही दिलीप गुजरिया को हार्ट अटैक आने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है इससे क्षेत्र के लोगों में नगर निगम के प्रति भारी आक्रोश है आपको बता दे कि इस जगह पर नगर निगम का कोई भी जनहित का प्लान या योजना नहीं हैँ ।हालांकि नोटिस मिलने के बाद से ही अतिक्रमण बृजेश काफी परेशान था तो वही आज सुबह निगम द्वारा प्रताड़ित किए जाने पर उसने आत्महत्या कर ली आत्महत्या की सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुँचे वही पूरे मामले की जांच की जा रही है परिवार वालो की माने तो नगर निगम प्रशासन ने ब्रिजेश को जमकर प्रताड़ित किया है उसकी आत्महत्या का कारण भी नगर निगम की प्रताड़ना ही है…

