को…..रोना……एक दिन के ईलाज का बिल 47 हजार 737….यकीन मानिए इंसानियत मर चुकी है……
By- HITESH SHARMA(9826108646)……प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजो और खस्ताहाल सरकारी कोविड सेंटर की बुरी स्तिथि को देखते हुए राज्य सरकार ने अब प्राइवेट अस्पतालो को भी इलाज के लिए स्वीकृति दे दी है.इसी कड़ी में दुर्ग जिले में भी आधा दर्जन अस्पतालों को कोरोना का इलाज करने की स्वीकृति दी गई है लेकिन इन स्वीकृति के बाद मानो प्रायः सुप्त अवस्था मे पड़ा अस्प्ताल का कारोबार मानो अचानक दौड़ पड़ा हो जिले में ऐसे ऐसे निजी अस्पतालों को कोविड सेंटर बनाया गया गया है जिनका स्वास्थ के क्षेत्र में कोई खासा असर नहीं है हाल ही में सूर्या मॉल के सामने आधी अधूरी बिल्डिंग में बने मित्तल अस्प्ताल को भी कोविड सेंटर बनाया गया है आपको जानकर हैरानी होगी कि अब तक मित्तल अस्प्ताल पूरी तरह बना भी नही है बिल्डिंग भी अंडर कंस्ट्रक्शन है लेकिन फिर भी इस अस्प्ताल को कोरोना के इलाज की स्वीकृति देना समझ से परे है कल ही एक मरीज को मित्तल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया कोरोना पोसिटिव आने पर हॉस्पिटल ने एडमिट किया महज 12 घण्टे ही इलाज किया और बिल थमा दिया 47 हजार 737 ₹ का जी हां बिल्कुल सही पढ़ रहे है आप 47 हजार 737 सच मानो जब कोरोना की दवाई ही नहीं बनी इलाज ही नहीं निकला तो ऐसा कौन सा इलाज ये निजी अस्पताल कर रहे है जिनका एक दिन का बिल 47 हजार के ऊपर जा रहा है यक़ीन मानिए बिना इलाज के इतना बिला बनाना भी एक आर्ट है जो केवल छत्तीसगढ़ के दुर्ग भिलाई में ही देखने को मिलेगा…… राज्य सरकार ने कोविड-19 की दर तय करते हुए आदेश जारी किया था अब आप खुद ही देखिए राज्य में निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुपर स्पेशियालिटी सुविधाओं के आधार पर इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है जो आपके होश उड़ाने के लिए काफी है प्रदेश के जिलो को कुछ श्रेणियों में बांटा गया है. ए-श्रेणी में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले के अस्पतालों को रखा गया है। बी-श्रेणी में सरगुजा, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, कबीरधाम एवं बस्तर जिले के अस्पतालों को रखा गया है। शेष जिलों के अस्पताल सी-श्रेणी में शामिल हैं। यह होगा रेट…..
ए-श्रेणी वाले जिलों के नेशनल एक्रेडिएशन बोर्ड ऑफ हॉस्पीटल्स (एन.ए.बी.एच.) की मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में मॉडरेट स्थिति वाले मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रुपए का शुल्क देना होगा सपोर्टिव केयर आइसोलेशन बेड के साथ पीपीई किट ऑक्सीजन केयर की सुविधा देनी होगी। गंभीर स्थिति वाले मरीजों के उपचार के लिए रोजाना 12 हजार रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें वेंटिलेटर केयर के बिना आईसीयू और पीपीई किट शामिल है। अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 17 हजार रुपए प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है। इसमें वेंटिलेटर केयर के साथ आईसीयू (इनवेसिव/नॉन-इनवेसिव) एवं पीपीई किट शामिल है।गैर एन.ए.बी.एच. मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों के लिए मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रुपए, दस हजार रुपए और 14 हजार रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। बी-श्रेणी में शामिल जिलों के अस्पताल तीनों स्थिति (मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर) के मरीजों के इलाज के लिए ए-श्रेणी के लिए निर्धारित दर का 80 प्रतिशत और सी-श्रेणी वाले जिलों के अस्पताल 60 प्रतिशत शुल्क ले सकेंगे। राज्य सरकार ने एपेडेमिक डिसीज एक्ट-1897, छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट-1949 और छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डिसीज कोविड-19 रेगुलेशन-2020 के तहत निर्देश जारी किए हैं.अब जरा इस आदेश की क्रोनोलॉजी समझिए अब आप जैसे ही कोरोना पॉजिटिव आते हैं चुकी इलाज तो है नही फिर भी आपको अस्प्ताल का सहारा लेना पड़ेगा और तो और आप पूरी तरह बीमार नही है फिर भी अस्प्ताल आपको मोडरेट स्थिति में नही रखकर आपको गम्भीर श्रेणी में ही रखेंगे नियम बनते ही तोड़ने के लिए है इसलिए अस्प्ताल वाले भी इन नियमो की जमकर धज्जियां उड़ा रहे है और दवाई बेड चार्ज और अन्य व्यवस्था के नाम पर आपसे सरकारी नियमो से इतर लाखों का बिल ऐंठने की तैयारी की जा रही है हालात बत से बत्तर हो रहे है सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं का अभाव है तो निजी अस्पताल वाले लाखो का बिल बनाने मुहं बाए बैठे है यक़ीन मानिए मनमानी जमकर हो रही है आम जनता बेहाल हो चुकी है इस बीमारी से ठीक होने किसके पास जाए किस्से गुहार लगाएं सरकार सुनती नही…… डॉक्टरो को इस महामारी में अपनी जेब भरने से फुर्सत नही…….. THE TNP MEDIA NETWORK……आपसे अपील करता है कि बिना वजह घरों से न निकले मास्क लगाकर ही रहे समय समय पर साबुन से हाथ धोते रहे और अपना बहुत ज्यादा ख्याल रखें………
