सहकारी बैंक के अधिकारियों ने मदद के नाम पर किया घटिया मजाक_सीएम के गृह जिले में खेला हो गया खेला….



By – HITESH SHARMA….दुर्ग जिले में अब मदद के नाम पर धोखा भी शुरू हो गया नन्दौरी में सहकारी समिति में गार्ड की ड्यूटी करने वाले हरिशंकर वर्मा की हत्या के बाद उनके परिजनों को 10 लाख की मदद का ढोल बजाकर प्रचार किया गया बकायदा दैनिक अखबारों में विज्ञापन निकाले गए लेकिन इसमें भी खेला हो गया मृतक हरिशंकर के परिवार को सरकार के प्रतिनिधियों ने महज 1 लाख रुपए का चेक थमाया दिया बाकी के 9 लाख किसके जेब में गए कुछ अता पता नहीं मृतक का पुत्र प्रणव वर्मा सांसद विजय बघेल से मदद मांगने पहुंचा तब लोकसभा सांसद विजय बघेल ने प्रदेश सरकार और जिला सहकारी बैंक दुर्ग को कटघरे में खड़े करते हुए कई सवाल उठाए हैं आपको बता दे कि 16 जून 2021 को दुर्ग कर पाटन के नन्दोरी में सहकारी समिति के चौकीदार हरिशंकर वर्मा की हत्या हो गई जिसमें समिति के ही लिपिक के पुत्र ने 8 लाख ₹ के लालच में आकर चौकीदार की हत्या कर दी थी जिसके बाद 20 सितंबर 2021 को पाटन के सेलुद में आयोजित सहकारी सम्मेलन में सीएम भूपेश बघेल की मौजूदगी में चौकीदार हरिशंकर वर्मा के पुत्र प्रणव वर्मा को 10 लाख का चेक देने की घोषणा हुई लेकिन मुआवजा देने में भी खेला हो गया,खेला भी छोटा मोटा नही 9 लाख का घपला हो गया आखिर 9 लाख किसकी जेब मे गए ये बड़ा सवाल है ? चौकीदार की हत्या के बाद सरकार ने दिखावे की सहानुभूति दिखाते हुए 10 लाख रुपए आर्थिक सहयोग का ढिंढोरा पीटा बकायदा जिला सहकारी बैंक की ओर से विज्ञापन जारी किया गया अखबारों के विज्ञापन के माध्यम से ये बताया गया कि हरिशंकर वर्मा के परिजनों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा 20 सितम्बर को सेलूद के कार्यक्रम में 10 लाख रुपए का चेक वितरण किया जाएगा लेकिन हकीकत कुछ और ही निकली 10 लाख रुपए की जगह सिर्फ 1 लाख रुपए की आर्थिक मदद देकर हरिशंकर वर्मा के परिजनों को धोखा दिया इस पूरे मामले पर सहकारी बैंक के अद्यक्ष जवाहर वर्मा का कहना है कि त्रुटि वश अखबार के विज्ञापन में 10 लाख लिखा गया चलो ठीक है लिखा गया होगा लेकिन अब सवाल ये है कि सैकड़ो अक्षरों के विज्ञापन में सब कुछ एकदम सही सही छप गया बैंक अद्यक्ष की फोटो नाम सहकारी योजनाएं सीएम का नाम फोटो बैंक की सीईओ का नाम सब एकदम सही था गलत और त्रुटि वश कुछ छपा तो सिर्फ मुआवजा वो भी 10 लाख ₹ वाला गजब करते हो वर्मा जी…..यकीन मानिए बैंक प्रबंधन के अनुसार सिर्फ मुआवजे की रकम ही गलत छप गई वाकई गजब तर्क है…….इस पूरे मामले पर लोकसभा सांसद विजय बघेल ने कहा कि एक तरफ प्रदेश के मुखिया अपने आकाओं को खुश करने के लिए उत्तरप्रदेश में जाकर 50-50 लाख रुपए मुआवजा बांट रहे हैं और दूसरी तरफ उनके क्षेत्र में लोगों के साथ मदद के नाम पर धोखा हो रहा है.