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सुनो ! ये भिलाई नगर निगम है यहां नामुमकिन कुछ भी नही,जमीन की नास्तियाँ ही गायब हो गई.

By- हितेष शर्मा- भिलाई नगर निगम से महज चंद कदमो की दूरी पर अवैध निर्माण होता रहा और कलक्टर सहित नगर निगम के तमाम अधिकारी आंखों में पट्टी बांधे बैठे रहे चंद्रा-मौर्या टाकिज के सामने और फोरलेन सड़क किनारे निर्माणाधीन काम्पलेक्स पर भिलाई नगर निगम के वार्ड क्रमांक 12 के भाजपा पार्षद ने भवन अनुज्ञा समेत तमाम दस्तावेजों के आधार पर इसके निर्माण में गड़बड़ी का आरोप लगाया है वहीं भिलाई नगर निगम के पार्षद और देवेंद्र यादव की शहर सरकार में एमआईसी मेंबर दीवाकर भारती ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर अपनी ही पार्टी के नताओ के खिलाफ बिगु फूंक दिया.
दरअसल 20 साल पहले साडा के कार्यकाल के दौरान इस भूखंड का आबंटन 4 अलग-अलग लोगों के नाम पर हुआ था, जिसमें विजय गुप्ता, शशि गुप्ता, यशबीर बंसल और मीरा बंसल शामिल हैं. आबंटित जमीन को लेकर साडा ने स्पष्ट रुप से अपनी शर्त में कहा था कि पट्टा प्रारंभ होने की तिथि से 2 वर्ष के भीतर व अधिकतम 4 वर्ष के अंदर भवन निर्माण पूर्ण कर लेना है. भवन पूर्ण नहीं होने की स्थिति में पट्टा निरस्त कर विशेष शुल्क, सेवा शुल्क सहित अन्य देय राशि आबंटी द्वारा वापस किये जाने का प्रावधान था.