By -अनिल गुप्ता लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही आदर्श आचार संहिता लग जाती है
जिसके अंतर्गत नए शासकीय कार्यो पर रोक लग जाती है इसी कड़ी में दुर्ग नगर निगम में 20 करोड़ के अटके कामों की स्वीकृति पर अपना पक्ष रखना दुर्ग के कोंग्रेस विधायक अरुण वोरा को भारी पड़ता दिख रहा है आपको बता दे कि आचार संहिता के दौरान दुर्ग नगर निगम में वाटर मीटर के शुल्क के लिए तैयार प्रस्ताव और 20 करोड़ के अटके कामों की स्वीकृति पर विधायक अरुण वोरा ने अपना पक्ष रखा था जिसके बाद शहर सरकार में काबिज भाजपा पार्षद दल की शिकायत पर कलेक्टर व रिटर्निंग ऑफिसर अंकित आनंद से मामले की शिकायत की है ।जिसमे भाजपा पार्षद दल के पार्षदो का कहना है कि विधायक द्वारा श्रेय लेने के प्रयास किया जा रहा है जो आचार संहिता का उलंघन है.दरअसल
भाजपा पार्षद दल ने कलेक्टर व रिटर्निंग ऑफिसर अंकित आनंद को 13 मार्च को ज्ञापन सौंपकर शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें विधायक अरुण वोरा पर निगम कार्यालय में बैठक करने, आचार संहिता के दौरान 20 करोड़ के कामों की स्वीकृति और नगर निगम में वाटर मीटर लगाकर शुल्क वसूलने संबंधी विज्ञप्ति जारी करने का आरोप था।
इसके उलट दुर्ग विधायक अरुण वोरा का कहना है कि जनहित के मुद्दों पर आचार संहिता लागू नहीं होती ये सतत प्रक्रिया है जो चलती रहती है.