पिता की हत्या का आरोपी दोषमुक्त गवाहो का कथन देर से लिया पुलीस ने.
राहुल थिटे दुर्ग / ग्राम मोरिद में 4 नवंबर 2018 की वह काली अल सुबह जब किसान चंद्रभान ठाकुर को उसके घर में ही हंसिया मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। उत ई पुलिस ने हत्या का अपराध दर्ज कर मृतक के पुत्र 23 वर्षीय लीलाधर ठाकुर को गिरफ्तार किया और विवेचना पश्चात चालान न्यायालय में पेश किया । अभियोजन के मुताबिक मामला धान कुटाई को लेकर पिता पुत्र के बीच उपजे विवाद को लेकर हुआ था । चंद्रभान के बाएं कान के पास हंसिया से गहरा वार किया गया था । 108 एंबुलेंस से घायल को उत ई अस्पताल लाने पर मृत घोषित कर दिया गया । मामला परिस्थिति जन्य साक्ष्य पर आधारित था जिसमें साक्ष्यों के कथनों को पुलिस ने विलंब से लेकर मामले को कमजोर कर दिया । पुलिस की लचर विवेचना के कारण परिस्थिति जन्य साक्ष्य की कड़ियों को सुसंगत रूप से सिलसिलेवार नहीं जोड़ा गया ।अभियोजन ने भी सुनवाई के दौरान पैरवी में पुलिस विवेचना में आए तथ्यों को सही ढंग से पेश नहीं किया और ना ही कड़ियों को सुसंगत ढंग से जोड़ा । यदि साक्ष्यों की कड़ियों और साक्ष्यों को सही ढंग सेn पिरो कर प्रस्तुत किया जाता तो प्रकरण का परिणाम कुछ और होता मृतक के परिवार के सदस्यों व अन्य लोगों का पुलिस ने विलंब से बयान लिया जो अधिकतर पक्षद्रोही हो गए लिहाजा बचाव पक्ष के अधिवक्ता रवि शंकर मानिकपुरी की दलीलों को देखते हुए प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार राजभानू ने आरोपी को दोषमुक्त कर दिया । अब अभियोजन अपील की दिशा में कोई कदम उठाता है या चुप्पी साध लेगा यह आगे आने वाला समय तय करेगा ।फिलहाल किशनलाल वर्सेस गुजरात स्टेट के निर्णय के अनुसार विवेचना अधिकारी के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा यह पुलिस विभाग पर निर्भर करता है.