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ठेकेदार की मनमानी के सामने नगर निगम दुर्ग नतमस्तक लोगो को नही मिल रही बस स्टैंड के सुलभ शौचालय की सुविधा

By-राहुल थिटे.छत्तीसगढ़ प्रदेश का मॉडल बस स्टैंड कहलाने वाले दुर्ग बस सस्टैंड इन दिनों असमाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है दुर्ग बस स्टैंड कई मायनों में खास है प्रदेश के पहुच विहीन इलाके बस्तर समेत अन्य राज्यो के लिए भी बस सेवाएं दुर्ग बस स्टेंड से मिलती है प्रतिदिन हजारों यात्रियों के आने जाने का सिलसिला लगा रहता है.

लेकिन बस स्टैंड में संचालित सार्वजनिक सुलभ शौचालय काम्पलेक्स के हालात को देखकर लोग नाक मुंह सिकोड़ने लगते है दुर्ग नगर निगम की बिल्डिंग की सीमा से लगा न्यू बस स्टैंड दुर्ग गंदगी से सराबोर है आपको बता दे कि नियमानुसार सावर्जनिक शौचालय 24 घंटे खुले रहना चाहिए

लेकिन शौचालय में काम करने वाले लोग अपनी मनमर्जी से खुलते और बंद कर देते है रात में लगभग 10 बजे के पहले ही सुलभ बंद हो जाता है तो वही रोज रात में 11 से 12 बजे तक बसों का आना जाना लगा रहता है रात में ग्रामीण क्षेत्रों की सवारी बस स्टैंड में रुक जाती है ऐसी स्तिथि में उन्हें नित्य कर्म से निवृत होने में खासी मशशक्त करनी पड़ती है

रोज सुबह लगभग 6 बजे सुलभ के दरवाजा खुलता है जबकि सुबह 4 बजे से सुलभ खुल जाना चाहिए सुलभ में गंदगी रहती है जबकि पे एंड यूज सिस्टम रहने के बाद भी आम जनता परेशान है बहरहाल सुलभ शौचालय के ठेकेदार की मनमानी के आगे नगर निगम दुर्ग नतमस्तक है.

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