By- राहुल थिटे. छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 22 में से 19 बटालियनो की 51 कंपनियों को इधर से उधर किया गया है इनमें से अधिकतर बटालियनो की कई कंपनियां धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में पिछले चार-पांच साल से तैनात थी जबकि नियमतः एक कंपनी को एक स्थान पर दो-तीन साल से ज्यादा रखने का प्रावधान नहीं है सूबे के मुखिया भूपेश बघेल और पुलिस विभाग के प्रमुख डीएम अवस्थी द्वारा उठाया गया एक सराहनीय कदम है आपको बता दे की घनघोर नक्सल क्षेत्र में पिछले चार-पांच साल से तैनात कंपनियों के अधिकतर जवान डिप्रेशन में जाने लगे थे कई जवान आत्महत्या जैसे कदम उठाने मजबूर हो जाते थे अब इस आदेश से धुर नक्सल प्रभावित कंपनियों में तैनात जवान मैदानी इलाकों में आ जाएंगे हालांकि सभी कंपनियां मैदानी इलाकों में नहीं आ पाएगी फिर भी धुर नक्सल प्रभावित इलाकों से हट जाएगी सीएएफ की 19 बटालियन की कंपनियां 22 जिलों में तैनात है अब पुलिस प्रमुख को विशेष तौर पर यह ध्यान देना होगा कि जो कंपनियां मैदानी इलाकों से निकलकर धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात होने जा रही है उनमें पदस्थ जवानों का मनोबल ऊंचा बना रहे इसके लिए बटालियन में पदस्थ राजपत्रित अधिकारियों और सेनानियों को धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में जाकर कंपनियों की तैनाती से लेकर जवानों के मनोबल को बनाए रखने का प्रयास करने कैंप में रहना होगा.