एक विवाह ऐसा भी…..
न बैंड बाजा न बारात, न घोड़े न बाराती,यहां तक पण्डित मौलवी पादरी भी नही लेकिन फिर भी हुई 21 जोड़ो की शादी जी हां सही सुम रहे है आप समाज को नई दिशा देने वाली खबर दुर्ग से आई है .शादी का नाम सुनते ही सबके मन मे महंगे कपड़े, खाना पीना,शानोशौकत सामने आती है लेकिन एक शादी दुर्ग में ऐसी भी हुई जिसमें न कोई पंडित था, न ही बेंड बाजा के साथ नाचने वाले बाराती, लेकिन शादी की रश्म के साक्षी सेकड़ो लोग बने 21 जोड़ो की कबीर वाणी के माध्यम से मात्र 16 मिनट में शादी पूरी हुई और ये जोड़े अब अन्य समाज के लिए मिसाल बन रहे है
दरअसल रामपाल महाराज के शिष्य मंडल के लोगो का मानना है कि वर्तमान समय मे शादी मतलब लाखो का फिजूल खर्च दहेज जैसा दानव समाज को खोखला कर रहा है इस समाज का मुख्य उद्देश्य दहेज मुक्त समाज बनाना है इनकी शादी शादी नाम सुनते ही मन मे महंगी सजावट,खानापीना, बारात, बराती,और अन्य महंगे खर्च सामने आते है फिलहाल इस तरह की खर्चीली शादी न कर केमिशाल पेश की है .
दहेज मुक्त भारत अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के दुर्ग में मात्र 16 मिनट 32 सेकंड में कबीर वाणी से रमैनी (विवाह) संपन्न कराया गया इस विवाह में बिना किसी प्रकार के दान- दहेज, बिना किसी शोर-शराबे और बिना दिखावे के सादगी पूर्वक संपन्न हुआ। आम तौर पर शादी में दुल्हन को मेहंदी, महावर आदि लगाकर सजाया जाता है, वहीं दूल्हे भी सज- धज कर तैयार होते हैं और शादी में लाखों रुपए खर्च होता है वहीं दुर्ग शहर में कबीरपंथी अनुयायियों ने अपने बच्चों की शादियां गुरु परंपरा के अनुसार बहुत ही सादगीपूर्ण कराई। जिसमें वर एवं वधू बिना खर्चे के विवाह बंधन में बंध गए.